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Medpho Team-February 16, 2022
Piles Treatment: दवा, सर्जरी और आयुर्वेदिक औषधियों द्वारा बवासीर का इलाज
मलाशय के आस-पास की नसों में सूजन की वजह से बवासीर की समस्या होती है। बवासीर को पाइल्सऔर हैमरॉइड (Haemorrhoids) के नाम से भी जाना जाता है। वहीं, बवासीर आमतौर पर खान पान का अनियमित होना, मल त्याग, मोटापा या गर्भावस्था के दौरान तनाव की वजह से होता है। ध्यान देने वाली बात यह है कि बवासीर की समस्या से पीड़ित लोग उचित इलाज कराकर बवासीर से पूरी तरह से छुटकारा (Piles Treatment) प्राप्त कर सकते हैं।
बवासीर कितने प्रकार का होता है? (Types of Piles)
बवासीर की समस्या दो तरह की होती है-
1.खूनी बवासीर
खूनी बवासीर में किसी तरह का दर्द तो नहीं होता है, लेकिन मलत्याग करने के दौरा खून आता है।
2.बादी बवासीर
बादी बवासीर के दौरान पेट में गैस, कब्ज जैसी समस्याएं बनी रहती है। इसके अलावा जलन व खुजली भी होती है। साथ ही इसमें तेज दर्द भी होता है।
बवासीर का इलाज (Piles Treatment)
दवा द्वारा इलाज
बवासीर के इलाज के लिए डॉक्टरों द्वारा निर्धारित कई ऐसी दवाइयां हैं, जिनका सेवन कर काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सकता है। वहीं, जब मरीज दवाइयों के द्वारा ठीक नहीं हो पाते हैं, तो डॉक्टर उन्हें सर्जरी करवाने की सलाह देते हैं।
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बवासीर का सर्जरी द्वारा इलाज
आमतौर पर दवाइयों और घरेलू इलाज से बवासीर के अच्छे नतीजे नहीं मिल पाते, इसलिए सर्जरी करवाना जरूरी हो जाता है-
सर्जरी द्वारा इलाज
पाइल्स यानी बवासीर ऐसी बीमारी है, जो हर समय तकलीफ देती है। अगर इसका ठीक से इलाज कर रोका न जाए तो ये गंभीर समस्या बन सकता है जो मरीज को बेहद मुश्किल में डाल देता है। वहीं, बवासीर जब बेहद मुश्किल पैदा कर देता है, तो डॉक्टरों द्वारा सर्जरी की सलाह दी जाती है। अब सवाल यह उठता है कि कौन-सी सर्जरी कराई जाए। दरअसल, सर्जरी दो तरह से होती है। एक में डॉक्टर्स ओपन सर्जरी करते हैं और दूसरा तरीका है लेजर सर्जरी-
1.पाइल्स की ओपन सर्जरी
ओपन सर्जरी से भी पाइल्स का इलाज हो जाता है, लेकिन ये प्रक्रिया थोड़ा जटिल और दर्द देने वाली साबित भी हो सकती है। हालांकि इसमें खर्च कम आता है। वहीं, सर्जरी होने के बाद पूरी तरह से ठीक होने में एक हफ्ते तक का समय लग सकता है।
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2.पाइल्स की लेजर सर्जरी
ज्यादातर डॉक्टर पाइल्स के इलाज के लिए लेजर सर्जरी की सलाह देते हैं। वहीं इससे इलाज महंगा होता है जोकि बवासीर का स्तर (स्तर I, स्तर II, स्तर III, IV), इस्तेमाल की गई तकनीक और पहले से मौजूद कोई अन्य शारीरिक समस्या पर निर्भर करता है।
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आयुर्वेदिक औषधियों द्वारा पाइल्स का उपचार
कुछ आयुर्वेदिक औषधियां पाइल्स के उपचार में बेहद मददगार हैं। वहीं इनके इस्तेमाल से पाइल्स पर काफी हद नियंत्रण पाया जा सकता है-
1.छाछ और जीरा का सेवन
बवासीर की समस्या से राहत पाने के लिए आप जीरा छाछ का सेवन कर सकते हैं। इसके लिए 2 लीटर छाछ में 50 ग्राम जारी पीसकर मिला लें और जब भी प्यास लगे, तब पानी की जगह यह मिश्रण पिएं।
2.इसबगोल
अगर किसी व्यक्ति को पाइल्स की समस्या है, तो उसे राहत पाने के लिए इसबगोल की भूसी का सेवन करना चाहिए। दरअसल, इसबगोल की भूसी खाने से पेट साफ रहता है और मल की कठोरता कम होती है। इससे पाइल्स में दर्द नहीं होता।
3.बड़ी इलायची
बड़ी इलायची के सेवन से भी पाइल्स की समस्या से काफी हद तक राहत पाई जा सकती है। इसके लिए जब इलायची भूनत हुए जल जाए तब इसे तवे पर से उतारकर ठंडा कर लीजिए और पीसकर रख लीजिए। फिर प्रतिदिन सुबह खाली पेट पानी के साथ इस चूर्ण का सेवन कीजिए।
4.किशमिश
बवासीर के रोगियों के लिए पाइल्स काफी फायदेमंद होता है। प्रतिदिन रात को सोते समय 100 ग्राम किशमिश को पानी में भिगो दें। फिर सुबह उठकर पानी में ही इसे मसल डालें और इस पानी का सेवन करें।
5.जामुन
जामुन और आम की गुठली खूनी बवासीर में बेहद कारगर होते हैं। वहीं, सेवन के लिए सबसे पहले जामुन और आम की गुठली के अंदर का भाग निकालकर इसे धूप में सुखा लें और इसका चूर्ण बना लें। फिर इस चूर्ण की 1 चम्मच मात्रा गुनगुने पानी या फिर छाछ के साथ सेवन करें। बवासीर में काफी लाभ मिलेगा।
यदि आप बवासीर या पाइल्स की समस्या से पीड़ित हैं, तो 88569-88569 पर कॉल करके Medpho के डॉक्टर से FREE सलाह ले सकते हैं।

