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Vivek Rai-September 14, 2022

बच्चेदानी में रसौली निकालने की सर्जरी क्या है? जानें- कारण और लक्षण

myomectomy

बाहर का खराब खाना, धूम्रपान, ज्यादा उम्र में गर्भधारण करना और गर्भ रोकने की दवा आदि के सेवन की वजह से महिलाओं में रसौली (Rasoli) बनने की शिकायत आजकल आमबात हो गई है। ध्यान देने वाली बात यह है कि पहले महिलाओं की बच्चेदानी में रसौली (Rasoli) होने पर पूरे गर्भाशय को निकाल दिया जाता था और उसके बाद वो महिलाएं गर्भवती नहीं हो पाती थीं।

लेकिन अब जो महिलाएं किसी वजह से पूरे गर्भाशय को नहीं निकलवाना चाहती हैं। वह सिर्फ रसौली (Rasoli) निकलवा सकती हैं। सर्जरी के बाद गर्भधारण करने में भी उन्हें कोई परेशानी नहीं होती है। इस सर्जरी में हिस्टेरेक्टॉमी (Hysterectomy) सर्जरी की तरह पूरा गर्भाशय नहीं निकाला जाता है।

वहीं मायोमेक्टॉमी (Myomectomy) सिर्फ गर्भाशय में मौजूद रसौली (Rasoli) को निकालने की प्रक्रिया है। यदि महिला सर्जरी के बाद भी मां बनना चाहती है, तो उसे हिस्टेरेक्टॉमी सर्जरी (पूरे गर्भाशय को निकालना) की जगह मायोमेक्टॉमी सर्जरी करानी चाहिए।  

मायोमेक्टॉमी क्या होता है? (What is Myomectomy?)

मायोमेक्टॉमी एक सर्जिकल प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया से गर्भाशय से रसौली को निकाला जाता है। इसे लियोमायोमा भी कहा जाता है। वैसे तो महिलाओं में प्रजनन उम्र में गर्भाशय में रसौली विकसित होती है, लेकिन किसी भी उम्र की महिला के गर्भाशय में रसौली बन सकती है।

मायोमेक्टॉमी प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर रसौली बनाने वाले कारकों को निकाल देते हैं। इसमें हिस्टेरेक्टॉमी की तरह पूरे गर्भाशय को नहीं निकाला जाता, बल्कि सिर्फ गर्भाशय में मौजूद रसौली को हटाया जाता है। वहीं मायोमेक्‍टोमी के बाद महिलाओं को गर्भाशय में रसौली बनने के लक्षणों जैसे कि मासिक धर्म में ज्‍यादा खून आना और पेल्विक हिस्‍से (पेट और जांघों के बीच का हिस्‍सा) में दर्द से राहत मिलती है।

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गर्भाशय में गांठ के लक्षण (Uterus Cysts or Rasoli Symptoms)

  • पीरियड्स के दौरान अधिक खून आना।
  • पेट के निचले हिस्से में दर्द हाेना।
  • बार-बार यूरिन आना।
  • शारीरिक संबंध बनाते हुए दर्द महसूस हाेना।
  • कमजाेरी और थकान महसूस हाेना।

बच्चेदानी या गर्भाशय में रसौली (फाइब्रॉएड) का ऑपरेशन क्यों किया जाता है? 

अगर गर्भाशय में रसौली बनने की वजह से आपको दैनिक जीवन या सामान्‍य काम करने में कोई दिक्‍कत आ रही है, तो डॉक्‍टर आपको मायोमेक्टॉमी की सलाह दे सकते हैं। वहीं नीचे लिखे गए  स्थितियों में डॉक्‍टर हिस्टेरेक्टॉमी की बजाय मायोमेक्‍टोमी सर्जरी की सलाह देते हैं -

  • यदि महिला सर्जरी के बाद मां बनना चाहती हों।
  • अगर डॉक्‍टर को लगे की गर्भाशय की रसौली की वजह से महिला की प्रजनन क्षमता पर प्रभाव पड़ सकता है।
  • महिला गर्भाशय नहीं निकलवाना चाहती हो।
  • बार-बार यूरिन आना।
  • पेट भरा हुआ महसूस होना।
  • पीरियड्स न होने पर भी रक्तस्त्राव होना। 
  • पीरियड्स के दौरान अत्यधिक रक्तस्त्राव होना।
  • प्रजनन स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं जैसे - बार-बार मिसकैरेज, बांझपन और समय से पहले लेबर पेन होना।

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बच्चेदानी से रसौली निकालने के बाद किन बातों का ध्यान रखें?

सर्जरी के बाद मरीज को निम्‍न बातों का ध्‍यान रखना चाहिए -

  • सर्जरी के बाद दो हफ्ते तक आराम करें। 
  • डॉक्टर द्वारा दी गयी सभी दवाएं सही समय पर सही तरह से  लें। 
  • एक बार में अधिक समय तक खड़े होने से बचें। 
  • प्रतिदिन 10 मिनट चलें। ऐसा सर्जरी के बाद दो हफ्तों तक करना है। 
  • टांकों के भरने तक कोई भी भारी चीज न उठाएं और न ही कठोर कसरत करें। डॉक्‍टर ही आपको बताएंगे कि आप कब ये सब काम कर सकती हैं।
  • अगर आप सर्जरी के बाद प्रेगनेंट होना चाहती हैं, तो डॉक्‍टर से पूछें कि आप कब गर्भधारण के लिए प्रयास करना शुरू कर सकती हैं। 
  • अस्‍पताल से डिस्‍चार्ज होते समय डॉक्‍टर आपको पेन किलर दवा देंगे और आपको क्‍या खाना है एवं किन चीजों से परहेज करना है, ये भी बताएंगे।

Myomectomy procedure

बच्चेदानी से रसौली निकालने पर क्या-क्या समस्याएं हो सकती हैं? 

कई सारे फाइब्रॉइड्स को निकालना मुश्किल और खतरनाक हो सकता है। सर्जरी के बाद होने वाली संभावित जटिलताएं निम्न हैं -

  • संक्रमण
  • रक्त हानि
  • गर्भाशय की परत कमज़ोर हो सकती है, इसलिए भविष्य में प्रसव के लिए सी-सेक्शन करवाने की जरूरत पड़ सकती है।
  • प्रजनन क्षमता में कमी।
  • ज्‍यादा ब्‍लीडिंग होना
  • बुखार
  • तेज दर्द
  • सांस लेने में समस्या

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ब्लॉग में दी गई तथ्यों की पुष्टि
डॉ. वरदान भारद्वाज, जनरल फिजिशियन (एमबीबीएस)

Frequently Asked Question ( FAQs)

1. मायोमेक्टॉमी के प्रकार-

मायोमेक्टॉमी या गर्भाशय फाइब्रॉएड को हटाने, आकार, स्थान और मात्रा के आधार पर, तीन तरह से किया जा सकता है:-

  • पेट के माध्यम से: पेट की मायोमेक्टोमी।
  • योनि और गर्भाशय ग्रीवा के माध्यम से: हिस्टेरोस्कोपिक मायोमेक्टॉमी।
  • तिरछे या बहुत करीब में छोटे चीरों के माध्यम से: लेप्रोस्कोपिक मायोमेक्टोमी।

2. मायोमेक्टॉमी सर्जरी के बाद क्या खाना चाहिए?

आप अपना सामान्य आहार खा सकते हैं। यदि आपका पेट खराब है, तो सादा चावल, भुना हुआ चिकन, टोस्ट और दही जैसे कम वसा वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें।

3. गर्भाशय में गांठ हाेने के क्या कारण होते हैं?

कई बार गर्भाशय में रसौली बनना आनुवंशिक हाे सकता है। इसके अलावा हॉर्माेन, असंतुलित हाेना, माेटापा और गर्भावस्था कारण हो सकता है।

4. गर्भाशय में गांठ हाेने पर क्या खाएं?

गर्भाशय में गांठ हाेने पर आपकाे ऐसी चीजाें का सेवन करना चाहिए, जिनमें काफी अच्छी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट हाे। साथ ही ऐसे खाद्य पदार्थाें काे अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए, जाे गांठ काे बढ़ने से राेकते हैं।

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