Loading...

ब्लॉग

घर   ब्लॉग

Juli Kumari-August 10, 2022

जानें कैसे और कब होती है पित्ताशय की सर्जरी (Gallbladder Surgery)

gallblader removal

खराब जीवनशैली और असंतुलित खानपान की वजह से पथरी होना काफी आम बात है, अक्सर आपने लोगों से पथरी की बीमारी के बारे में सुना होगा जो आमतौर पर पित्ताशय यानि गलब्लैडर (gallbladder) और किडनी में होता है। 

आपको बता दें कि जो पथरी किडनी में होती है वो आसानी से बाहर निकल सकती है लेकिन पित्ताशय की पथरी का अपने आप बाहर निकना मुश्किल हो जाता है। इस स्थिति में स्टोन को बाहर निकालने के लिए पित्त की थैली को बाहर निकालना पड़ता है जिसे गॉलब्लैडर रिमूवल (gallbladder removal) कहते हैं। 

गॉल ब्लैडर रिमूवल क्या है? (What is gallbladder removal)

 

स्टोन यानि पथरी छोटे पत्थर के समान होते हैं ये पित्ताशय की थैली में बनते हैं,आपको बता दें कि गॉलब्लैडर लीवर के नीचले हिस्से में होती है। अगर पित्ताशय की पथरी का समय रहते इलाज ना किया जाए तो पीड़ित व्यक्ति की स्थिती खराब हो सकती है और फिर बड़ा ऑपरेशन भी करवाना पड़ सकता है। 

पित्त की पथरी का इलाज शल्यचिकित्सा द्वारा किया जाता है, इस ट्रीटमेंट में पित्त की थैली को शरीर से बाहर निकाला जाता (gallbladder removal) है जिसे लेप्रोस्कोपिक या कीहोल सर्जरी भी कहते हैं। इस प्रक्रिया को पेट में बारीक छेद करके पूरा किया जाता है। 

 

गॉल ब्लैडर के प्रकार (Types of gallbladder Surgery)

गॉल ब्लैडर के स्टोन को निकालने के लिए दो प्रकार की सर्जरी की जाती है- 

1.लेप्रोस्कोपिक सर्जरी (Laparoscopic Surgery)

2.ओपन सर्जरी (Open Surgery)

 


गॉल ब्लैडर सर्जरी की प्रक्रिया (Gallbladder removal surgery procedure)

 

1. लेप्रोस्कोपिक सर्जरी (Laparoscopic Surgery)

 

लेप्रोस्कोपिक सर्जरी एक एडवांस प्रक्रिया है जिसके द्वारा आसानी से पथरी को बाहर निकाल लिया जाता है, इस प्रक्रिया में पेट में आधे इंच का छोटा सा कट लगाया जाता है और इसी में से पित्ताशय  (gallbladder removal surgery) को शरीर से बाहर निकाल लिया जाता है। 

आपको बता दें ज्यादातर सर्जर लेप्रोस्कोपिक सर्जरी (Laparoscopic Surgery) का ही चुनाव करते हैं क्योंकि ये काफी आसानी और सुरक्षित प्रक्रिया है, बाकी सर्जरी की तुलना में इसमें काफी छोटे कट लगते हैं जो जल्दी भर जाते हैं। 

  • लेप्रोस्कोपिक सर्जरी करने से पहले मरीज के स्वास्थ्य का परीक्षण किया जाता है। उसके बाद सर्जरन मरीज को एनेस्थीसिया देकर बेहोश करते हैं। 
  • मरीज के बेहोश होने के बाद डॉक्टर रोगी के पेट के निचले हिस्से में 3 से 4 छोटे-छोटे कट्स लगाते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड गैस (2) को अंदर डालते हैं जिससे सर्जरी के दौरान अंगो साफ देखा जा सके। 
  • पेट के एक कट से लेप्रोस्कोप यानि दूरबीन को अंदर डाला जाता है जो आंतरिक अंगों को कंप्यूटर स्क्रीन पर दिखाता है। 
  • बाकी के दूसरे कट से कुछ एडवांस सर्जिकल टूल्स को अंदर डाला जाता है जिनकी मदद से पित्ताशय को लिवर से अलग किया जाता है और स्टोन को निकाला जाता है (gallbladder stone removal) 
  • लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की पूरी प्रक्रिया 20 से 30 मिनट की ही होती है और मात्र 24 घंटों में ही मरीज को डिस्चार्ज कर दिया जाता है।  

 
आयुष्मान योजना के तहत गॉल ब्लैडर की FREE सर्जरी करवाने के लिए 88569-88569 पर कॉल करें।


2. ओपन सर्जरी (Open Surgery)

ओपन सर्जरी एक पुरानी तकनीक है जिसके द्वारा पित्ताशय की पथरी का ऑपरेशन किया जाता है। इस ऑपरेशन में एक बड़ा चीरा लगाना पड़ता है, इस प्रक्रिया में गॉल ब्लैडर (gallbladder) को निकालने के लिए किसी भी तरह के लेप्रोस्कोप या तकनीक का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। 

बता दें कि ओपन सर्जरी (Open Surgery) करवाने के बाद करीब एक हफ्ते तक पीड़ित व्यक्ति को अस्पताल में रहना पड़ता है, क्योंकि कट का साइड बड़ा होने के कारण व्यक्ति को रिकवर होने में काफी टाइम लग जाता है। 

  • ओपन सर्जरी करने के लिए मरीज एनेस्थीसिया देकर उसे बेहोश किया जाता है। 
  • बेहोश करने के बाद मरीज के पेट के निचले हिस्से में एक बड़े आकार का कट लगाया जाता है।
  • चीरा लगाने के बाद डॉक्टर उपकरण की सहायता से मांंसपेशियों को औऱ अधिक चीरते हैं और पित्ताशय तक उपकरण को ले जाते हैं, जिसके बाद पित्ताशय को लिवर से अलग कर दिया जाता है और स्टोन को निकाला जाता है (gallbladder stone removal)
  • ओपन सर्जरी को करने में करीब एक से डेढ़ घंटे का समय लग जाता है और मरीज को रिकवर होने में भी काफी समय लगता है।

Cholecystectomy

पित्त की थैली निकालने के बाद नुकसान (Gallbladder removal side effects in hindi)

गॉल ब्लैडर में पथरी होने पर सर्जरी में पित्त की थैली (gallbladder) को निकालना पड़ता है। आपको बता दें कि पित्त की थैली निकलने के बाद मरीज को कई तरह की परेशानियों (gallbladder removal side effects) का सामना करना पड़ सकता है जैसे- 

1. दस्त

पित्त की थैली लिकल जाने के बाद बहुत से लोगों को पेट खराब होने की शिकायत रहती है। बता दे कि गॉल ब्लैडर निकलने के बाद शरीर में बाइल जूस कंट्रोल नहीं हो पाता है और इसकी वजह से ये छोटी आंत में लगातार, लेकिन कम मात्रा में प्रवाहित होता है। 

इसलिए जिन लोगों ने पित्ताशय की सर्जरी करवाई है उन लोगों में शुरुआत के कुछ टाइम दस्त की परेशानी हो सकती है। 

2. पेट दर्द 

इस सर्जरी के बाद आपको लंबे समय तक पेट दर्द भी रह सकता है। अक्सर मरीज खाने के बाद ज्यादा पेट दर्द महसूस करते हैं। दरअसल सर्जरी के ज्यादा फैट वाला भोजन और रोटी सब्जी को पचाने में काफी दिक्कतों को सामना करना पड़ता है जिसकी वजह से पेट दर्द महसूस होता है। 

इसलिए पित्त की थैली निकलवाने के बाद आफको कम फैट वाला व हल्का भोजन करना होता है। 


3. कब्ज की समस्या 

कब्ज की समस्या गोन ब्लैडर निकलवाने के बाद बहुत आम सी परेशानी है। दरअसल, ये सब खाना सही से ना पच पाने और मेटाबोलिज्म के प्रोसेस का धीमा होने की वजह से होता है। साथ ही कुछ लोगों को पित्ताशय की थैली की सर्जरी के बाद ली जाने वाली दर्द निवारक दवाओं के कारण भी कब्ज की समस्या हो सकती है। 

ऐसे में आपको इस परेशानी को ठीक करने के लिए फाइबर से भरपूर आहार जैसे  बीन्स, चोकर वाला आटा, साबुत अनाज और फाइबर से भरपूर फल और सब्जियां का सेवन करना चाहिए। साथ ही आपक सर्जन आपकी मदद करने के लिए स्टूल सॉफ्टर भी दे सकता है।

4. कमजोरी महसूस होना

सर्जरी के बाद मरीज को कई दिनों तक कमजोरी महसूस होती है ये भी पित्त की थैली निकल जाने के ही दुष्प्रभाव (gallbladder removal side effects) हैं। ये लक्षण दवाइयों के कारण महसूस होते हैं। 

कई बार कुछ हैवी दवाइयों की वजह से मरीज को नींद अधिक आती है और कमजोरी महसूस होती है। इसके अलावा बेचैनी भी महसूस हो सकती है, ये सभी लक्षण एक हफ्ते तक दिखाई दे सकते हैं। 

5. थकान और मूड स्विंग्स

थकान और चिड़चिड़ापन भी  गॉल ब्लैर निकलवाने के बाद महसूस होने वाले लक्षण हैं, ये परेशानियां अधिक दवाइयों के सेवन के कारण और पाचन क्रिया असंतुलित होने के कारण होता है। 

इन समस्याओं से बचने के लिए आपको अपना डाइट और खानपान संतुलित रखना होगा।

आयुष्मान योजना के तहत गॉल ब्लैडर की FREE सर्जरी करवाने के लिए 88569-88569 पर कॉल करें।

ब्लॉग में दी गई तथ्यों की पुष्टि 
डॉ. राहुल शर्मा, जनरल फिजिशियन (एमबीबीएस)

Frequently Asked Question ( FAQs)

1. गॉलब्लेडर स्टोन का दर्द कहाँ होता है?

पित्ताशय की पथरी का आम लक्षण पेट के दाहिने हिस्से में दर्द है, कभी-कभी ये दर्द काफी असहनीय हो जाता है और पीठ या दाएं कंधेे तक फैल जाता है।


2. 
पथरी का दर्द कब होता है?

पथरी का दर्द काफी असहनीय होता है इससे पीड़ित व्यक्ति का दर्द से बुरा हाल हो जाता है। डॉक्टर के अनुसार कम पानी पीना और गलत खानपान के कारण पथरी की समस्या हो सकती है। 

 

अगर आपके पित्त की थैली में पथरी है तो लापरवाही ना करें. समय रहते इलाज इलाज करवाएं। यदि आप आयुष्मान योजना के तहत FREE सर्जरी करवाना चाहते हैं तो 88569-88569 पर कॉल करें और किसी  भी सरकारी या प्राइवेट अस्पताल में FREE सर्जरी करवाएं।